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Nari Samuh Sakhi

भारतवर्ष में नारी का एक अलग ही स्थान रहा है, फिर चाहे वह परिवार में हो, या समाज में। हमारे देश के निर्माण में नारी शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, देश के समाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, क्रीड़ा, विज्ञान, सुरक्षा आदि प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं ने अपना योगदान दिया है। सत्यता यह भी है कि आज भी हमारी बहुत सी बहने इस विकास के प्रवाह सें वंचित हैं।

नारी समूह सखी के तहत, 10-20 महिलाओं को समूहों में संगठित किया जाता है
इस संगठन का उद्देश्य नारी समूह सखी के बचत खाते में एक निश्चित राशि जमा करके बचत करना है। साथ ही नारी समुह सखी के तरफ से रोजगार उपलब्ध कराया जाता है

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नारी समुह सखी के गठन संबंधी संक्षिप्त मार्ग निर्देशिका

क) नारी समुह सखी के गठन के प्रमुख बिंदु

1. लगातार तीन-चार बार तक किसी ग्राम /राजस्व ग्राम/टोले में समुदाय के साथ नारी समुह सखी मिशन संबंधी जानकारी प्रदान के बाद जागरूक लक्षित वर्ग की महिलाओं (पर्वतीय क्षेत्र हेतु 6-12 महिलाये तथा मैदानी क्षेत्र की स्थिति मे 12-24 महिलाये) जो नियमित रूप से उपस्थित होती हो और समरूप समुह (affinity Group) का निर्माण करने की इच्छुक हो को नारी समुह सखी के रूप में गठित किया जायेगा |

ख) नारी समुह सखी का गठन का आरम्भ

1. कौन लोग नारी समुह सखी के सदस्य बन सकते है ?

क) अति गरीब या गरीब परिवार की महिला सदस्य अथवा सहभागीता से गरीबों की पहिचान (Participatory Indenication of poor) प्रक्रिया द्वारा चिन्हित गरीब परिवार की महिलायें |

ख) उपरोक्तानुसार प्रत्येक चिन्हित परिवार की एक महिला नारी समुह सखी की सदस्य बन सकती है जिनकी उम्र 12-70 वर्ष के बीच हो|

ग) अपनी स्वेच्छा और समुह के सदस्यों द्वारा निर्धारित, नियमित रूप से बचत करने की क्षमता रखती हो |

घ) समुह मे काम करने की इच्छुक हो |

च) बैठक में समय देने के लिए तैयार हो|

2. जैसे ही लक्षित वर्ग की महिलाये ( पर्वतीय क्षेत्र की दशा मे 6-12 तथा मैदानी क्षेत्र की स्थिति मे 12-24 महिलाये) चिन्हित होती है एक समुह मे दो मेन सदस्य बनायी जाती है| 12 महिलाओं के बीच एक समुह होता है | नारी समुह सखी के बारे मे विस्तार से रखनी होगी|

3. यह कार्य फिलप चार्ट तथा दो मेन सदस्य ( सुचना शिक्षा एवं संचार ) सामग्री जैसे :- पोस्टर ,समझाना, समुह मे कार्य करना , उसका लाभ लेना आदि | ट्रेनिंग दिया जाता है | की वह 10 महिलाओं को समझा सकें |

अथवा

समुह के सदस्यों के निर्णयानुसार प्रथम औपचारिक बैठक की तिथि एवं बचत की राशि तय करने मे सुविधादाता की भुमिका निभायेगा |

4. पहली बैठक के दिन मेन सदस्य की टीम निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा करने में नारी समुह सखी के लिए सुविधाकर्ता के रुप में कार्य करेंगे |

क) प्रत्येक सप्ताह में सदस्यों की बचत राशि तय करना |

ख)साप्ताहिक बैठक का दिन एवं समय तय करना |

ग) समुदाय द्वारा नारी समुह सखी को जरूरी नियमावली का निर्माण | साप्ताहिक बैठक ,सप्ताहिक बचत राशी, समुह का नामकरण ,समुह के प्रतिनिधि एंव प्रतिनिधियो के चयन के बारे मे बताना |

समुह के संचालन हेतु उपयुक्त बातों को आवश्यक रूप से पालन करने की इच्छा रखना |

5. मेन दो सदस्यों को योजना के बारे में बताने का कार्य करती है, पोस्टर्स द्वारा बताएंगे |

क) नारी समुह सखी के सदस्य की भूमिका :-

‌. साप्ताहिक बैठकों में नियमित रूप में शामिल होना |

. साप्ताहिक बचत में नियमित |

. सामुहिक निर्णय लेना ओर उनपर अमल करना |

. संयुक्त सामुहिक कार्यो में पहल करना |

. पंचसूत्र के बारे मे बताना|

ख) साप्ताहिक बैठक एवं बचत की कार्यप्रणाली एवं प्रक्रियाएं

. नारी समुह सखी अपनी नियमित सप्ताहिक बैठक तथा बचत जारी रखेंगे| मेन सदस्य नियमित काम करेंगे | मिशनकर्मी किसी कारणवश नारी समुह सखी की साप्ताहिक बैठक मे उपस्थित नहीं हो पा रहे है तो इनकी जानकारी नारी समुह सखी को पहले से होनी चाहिए और नारी समुह सखी खूद ही इस बैठक को नियमित रूप से कराये |

. बैठक समुह सदस्यों के घरों मे बारी -बारी से आयोजित कि जानी चाहिए या किसी सार्वजनिक स्थल पर भी सदस्यों की सहमति से बैठक की जा सकती है|

. पहले प्रत्येक बैठक में समुह द्वारा चयनित अध्यक्ष बैठक की औपचारिक अध्यक्षता करेंगी लेकिन प्रत्येक बैठक के लिए समुह के सदस्य जिसके घर में बैठक प्रस्तापित हो , उस सदस्य को बैठक की अध्यक्षता के लिए चुनेंगे या अगर सार्वजनिक स्थल पर बैठक हो रही हो तो बारी -बारी से प्रत्येक सदस्य को अध्यक्षता करने का मौका देंगे |

. इससे प्रत्येक सदस्य को समूह की बैठक की अध्यक्षता करने की अवसर मिलेगा , समुह का अध्यक्ष बैठक की समुचित रूप से अध्यक्षता करने में सदस्यों की मदद करेंगे |

. यदि गांव में पंचायत भवन/सामुदायिक भवन उपलब्ध हो,तो बैठक स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है |

6) सभी लेन देन और खाताबही को प्रत्येक बैठक में ही लिखा जाना चाहिए | इस शर्त में अवगत हो कि खाताबही में क्या लिखा जा रहा है और बैठक में जो बात उभरकर आई या जिसपर सामुहिक चर्चा सामुहिक निर्णय लिया गया , उसको वास्तविक रूप से लिखा जा रहा है या नहीं | बैठक में लिए गए निर्णयों एवं खाताबही में दर्ज बातों के प्रति हर सदस्य जवाबदेह होता है | अतएव इस तरह से पारदर्शित तथा जवाबदेही , दोनों उद्देश्य स्थापित होने है और अमल में जाते है |

ग) पदाधिकारी (नेता) एवं नेतृत्व

समुह के लिए नियमों के निर्माण और उन्हे अमल में लाने के लिए समुह के सदस्यों को राजी करना बहुत जरूरी होता है, इस काम के लिए नेतृत्व क्षमता की बहुत जरूरत होती है , समुह को ऐसे नेतृत्व की तलाश करनी चाहिए जो चर्चा सत्र में मार्गदर्शक और संप्रेषक (बाहरी जानकारी को समुह में बताना ) की भुमिका अदा कर सके तथा आपसी विवादों को सामुहिक रूप से शांतिपूर्वक निपटारा करवा सके प्रायः देखा गया है कि नेतृत्व एसी महिलाओं या लोगों के हाथ में चला जाता है जिनकी पहचान पहले से होती है वे मुखर होते है और उनके पास जानकारी होती है| इन बातों को ध्यान में रखते हुए नारी समुह सखी के अंतर्गत बने समूहो को अपने प्रतिनिधी के रूप में गरीब व्यक्ति को प्राथमिकता देनी चाहिए और उनके अच्छे प्रतिनिधी बनने में सबको सहयोग करना चाहिए | समुह के तीन पदाधिकारी होंगे पहला अध्यक्ष, दुसरा सचिव, और तीसरा कोषाध्यक्ष | समुह का प्रयास रहेगा की प्रथम दो में से कोइ एक पदाधिकारी सबसे गरीब/उपेक्षित/असुरक्षित सदस्य हो|

घ) खाताबही का रखरखाव

खाताबही का सही रखरखाव समुह के संचालन के लिए बहुत ही महत्वपुर्ण है| प्रारंभ मे क्लस्टर समन्वयक/परियोजनाकर्मी/मेन सदस्य खाताबही दुरुस्त/लेखा-जोखा रखने में सहायता कर सकता है लेकिन बाद में नारी समुह सखी सदस्यों में

से ही लेखा-जोखा लिखने हेतु बुक किपर को प्रशिक्षित कर तैयार किया जाना चाहिए, क्लस्टर संगठन का काम समुह का लेखा-जोखा और खाताबही संभालने में मदद करना होगा|

गांव में प्रवेश के तीन माह के अंतर्गत मिशन कर्मियों/नारी समुह सखी द्वारा समुह से सदस्यों की पहचान कर उन्हे समुह का खाताबही लिखने की जिम्मेदारियों के बारे मे बताना चाहिए | समुह की आत्मनिर्भरता तथा पुष्टिकरण हेतु यह आवश्यक है कि ग्राम/राजस्व ग्राम स्तर पर समुदाय के लोगों में से एक व्यक्ति समुह के खाताबही लिखने का कार्य करने की पहल करे जब तक की समुह के सदस्य इस हेतु प्रशिक्षित न हो|

च)नारी समुह सखी बैठक के लिए माॅडल (आदर्श) कार्य सूची

नारी समुह सखी की सदस्य साप्ताहिक बैठकों में निम्नानूसार कार्यवाही करेंगे -

1. प्रार्थना (गीत)

2. गोलाकार में बैठना

3. परिचय (परस्पर)

4. हाजिरी (ठीक विधालय कि तरह)

5. अध्यक्ष का चुनाव (हर बैठक में अलग-अलग)

6. बैठक के लिए कार्यसूची तय करना/चर्चा का विषय/एजेण्डा |

7. प्रत्येक सदस्य की बचत

8. समान मुद्दों पर चर्चा

9. ऋण की वापसी (पिछले ऋण की वापसी )

10. ऋण का आकलन (मांग)

11. प्राथमिकता निर्धारण (किनको/क्यो?)

12. ऋण प्रदान करना

13. लेखा एवं अन्य पुस्तिकाओं में चर्चाओं एवं जानकारियों को दर्ज करना

14. अन्य सामाजिक मुद्दे (तब तक चर्चा की जाये जब तक संबंधित मुददों पर कार्यवाही न हो)

15. अगली बैठक स्थल का निर्धारण

16. कार्यवाही (मिनट्स ) पुस्तिका को पढकर सुनाना

17. सदस्यों की हस्ताक्षर

18. चर्चा पढ़कर सुनाने के बाद बैठक समाप्ति के समय बैठक के अध्यक्ष एवं

अन्य प्रतिनिधियों के साथ क्लस्टर समन्वयक/सामुदायिक संगठन/मेन सदस्य का हस्ताक्षर आदर्श रूप से नारी समुह सखी के सदस्यों की मांग के अनुसार आपसी ऋण वितरण का काम जितना जल्दी हो, शुरू कर देना चाहिए | आवश्यकता पड़ने पर प्रथम बैठक से ही ऋण वितरण का काम शुरू किया जा सकता है |

बक्सा,बैठक हेतु रजिस्टर और लेखा पुस्तिका जैसी समुह स्थापना सामग्री मिशन द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी |

सामुदायिक समन्वयक/सामुदायिक संगठन (दो सदस्य)/नारी समुह सखी द्वारा सभी समुह सदस्य की इस प्रकार से मदद करनी चाहिए कि वे पंचसूत्रों का पालन सुनिश्चित करें|

नारी समुह सखी के पंचसूत्र

1. साप्ताहिक बैठक:- सभी समूहों को साप्ताहिक बैठक आयोजित करनी चाहिए | पर्वतीय क्षेत्र के किसी क्षेत्र विशेष में किसी माह में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत (यथा-अर्न्तवृषट/प्राकृतिक आपदा तथा हिमपात आदि )यदि साप्ताहिक बैठक संभव न हो तो अर्धमासिक बैठक अवश्य आयोजित की जाये विशेष परिस्थितो को छोड़ते हुए साप्ताहिक बैठक आयोजन को ही महत्ता दी जाये |

2. साप्ताहिक बचत:- समुह की साप्ताहिक बैठकों में तमाम सदस्यों को अपनी साप्ताहिक बचत नियमित रूप से जमा करनी चाहिए | बैठक में सदस्यों की बचत की राशी इतनी होनी चाहिए जिसे प्रत्येक सदस्य नियमित रूप से बचत कर सके |

3. नियमित आपसी ऋण प्रदान करन:- प्रत्येक साप्ताहिक बैठक में सदस्यों की आवश्यकतानुसार सामुहिक निर्णय कर ऋण की राशी देनी चाहिए |

4. नियमित ऋण आपसी :- ऋण लेने वाले सदस्य को नारी समुह सखी की बैठक में सदस्यों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार सुद तथा मुल की वापसी करनी चाहिए |

5. समुह की खाताबही नियमित रूप से लिखना :- समुह के सभी बहीखातों को नियमित रूप से उसकी बैठकों में ही लिखना चाहिए |

बैंक बचत खाता खोलना

समुह गठन के लगभग 4-8 बैठक के बाद जब समुह अपने द्वारा बनाए गए

नियमों का सही-सही पालन करने लगता है तथा सदस्यों में स्थापित आ जाती है तो सामुदायिक समन्वयक को नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाता खोलने के बारे में समुह में चर्चा करनी चाहिए |

ठीक इसके उपरांत सामुदायिक समन्वयक मेन सदस्य/मिशनकर्मी तथा भविष्य में बैंक सखी द्वारा नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंको सम्पर्क साधने के लिए अपने क्षेत्रीय समन्वयक और प्रखंड परियोजना प्रबंधक को बताकर तथा बैंक जाकर परियोजना की विस्तृत जानकारी बैंक प्रबंधक को प्रदान की जायेगी|

नारी समुह सखी की विशेषताओं पर अवश्य प्रकाश डाले की किस प्रकार यह मिशन पुरी तरह से नारी समुह सखी के विकास के प्रति समर्पित है तथा इसके द्वारा अपनायी गयी प्रक्रियाएं जैसे पंचसूत्र, मिटिंग प्रक्रिया एवं सुक्ष्म वित योजना (Microcredit Plan) इक्रोप्लान इसे अन्य परियोजनाओं से अलग अपनी एक पहचान देता है | साथ ही साथ अपने कार्य क्षेत्र की प्रगति रिपोर्ट की एक छायाप्रति भी बैंक प्रबंधक को देनी चाहिए तथा समुह की बैठक में आने के लिए भी आग्रह करें एवं सामुदायिक समन्वयक द्वारा समुह के खाता खुलवाने हेतु विभिन्न कागजात की तैयारी करायें | यहां ध्यान इस बात पर देना चाहिए कि सामुदायिक समन्वयक को एक मार्गदर्शक के रूप में समुह को दिशा देनी चाहिए न कि आगे बढकर उसके बदले काम पुरा करना चाहिए |

विभिन्न बैंकों द्वारा खाता खोलने के लिए अलग-अलग कागजात की जरूरत पड़ सकती है हालाकि इसमें एकरुपता लाने के लिए

बैंक खाता खोलने के लिए आवश्यक कागजात

1. नारी समुह सखी सदस्यों की सूची

2. समुह की नियमावली की प्रति

3. उस बैठक की कार्यवाही की प्रति जिसमें सदस्यों ने अपने प्रतिनिधि चुने है|

4. समुह की बैठक में बैंक खाता खोलने तथा इसके संचालन संबंधी पारित प्रस्ताव की प्रति

5. प्रत्येक चयनित पदाधिकारी के तीन फोटो

6. वोटर पहचान पत्र/निवास प्रमाण पत्र की प्रमाणित छायाप्रति

7. बैंक प्रपत्र में परिचायक का हस्ताक्षर/परिचायक उस बैंक का कोई खाताधारक अथवा गांव का प्रधान या मुखिया सरकारी कार्यालय का प्रतिनिधि नारी समुह सखी,प्रोत्साहक संस्थाएं या उसके अधिकृत प्रतिनिधि हो सकते है|

9. समुह का मोहर|

.................................. (समुह का नाम)

एनo एसo एसo नारी समुह सखी

राजस्व ग्राम/ग्राम का नाम .......................

विकासखण्ड.......................

जनपद ...........................

अध्यक्ष सचिव। कोषाध्यक्ष 65462

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